तुम मेरे
स्वप्न
स्वप्न
सुन्दर हो
सांवले नहीं
सांवले नहीं
शीतल मधुबन
की मलय
अभिव्यक्ति के
प्रलय हो
की मलय
अभिव्यक्ति के
प्रलय हो
बिखरे आगार
अंतरिक्ष में
तुम्हारे लिये
मेरे शब्द संसार
अंतरिक्ष में
तुम्हारे लिये
मेरे शब्द संसार
वेदना के
विलय हो तुम
विलय हो तुम
इस पार
अस्त क्यों
उदय हो
उस पार
अस्त क्यों
उदय हो
उस पार
तुम मेरे
स्वप्न ।
स्वप्न ।
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